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Self Supporting Co-Operative Society Ltd.

About Us

About Jharsamman sammitti

ट्राइबल्स ड्रीम “मजदूर भी हम, मालिक भी हम” (एक सहकारी आंदोलन) (30400 निबंधित किसान, दिहाड़ी मजदूर,आदिवासी परिवारों का रोजगार सृजन आंदोलन)

Tribals Dream is a non-profit organization registered in Ranchi, Jharkhand.The main objective of our organization is to work in the fields of Agriculture, Health, and Education. We give special attention to the tribal women and children health and education.

The tribal communities of Jharkhand are an integral part of the state’s rich cultural and social fabric. Jharkhand, located in eastern India, is known for its diverse tribal population, and it is often referred to as the “Land of Tribals.” These tribal communities have their unique customs, traditions, languages, and a deep connection with the land they inhabit.

Our Mission

We, Tribals Dream, are dedicated to uplifting and advocating for the tribal communities of Jharkhand, recognizing their unique cultural heritage and the challenges they face in the modern world. Our mission is to foster holistic development, empower individuals, and safeguard the rich traditions and values that define these communities.

Our Commitments for tribal communities are Empowerment through education, Economic prosperity and livelihood enhancement, healthcare and well-being, cultural preservation and inheritance, community empowerment and participation, etc.

Our Vision

We envision a future where tribal communities in Jharkhand are thriving, self-reliant, and culturally enriched. Through our unwavering dedication and collaborative efforts, we aim to create a world where tribal traditions are preserved, and tribal individuals are empowered to lead prosperous and fulfilling lives. We invite individuals, organizations, and stakeholders who share our vision to join hands with us. Together, we can make a lasting impact on the lives of Jharkhand’s tribal communities, fostering a future where their cultural heritage flourishes, and their well-being is assured.

उद्देश्य व लक्ष्य

ट्राइबल्स ड्रीम “मजदूर भी हम, मालिक भी हम” (एक सहकारी आंदोलन) (30400 निबंधित किसान, दिहाड़ी मजदूर,आदिवासी परिवारों का रोजगार सृजन आंदोलन)

झारखंड अलग राज्य की लड़ाई ! 53 बरसों की लंबी अलग राज की लड़ाई के बाद, वर्ष 2000 में झारखंड राज्य की स्थापना हुई। परिकल्पना थी आदिवासी,मूलवीसीयो की जल-जंगल-जमीन,अबुआ दिशुम,अबुआ राज(अपना प्रदेश,अपना राज) के सपने पूरे होंगे, आदिवासी राज्य स्थापित होगी,संविधान संबद्ध नियम कानून के तहत ठेका पट्टा,बाजार हॉट, नौकरी चाकरी व प्राकृतिक संसाधनों पर आदिवासियों का अधिकार होगा, सुशासन होगा, खुशहाली आएगी, प्रत्येक घर को रोजगार या खनिज लवणों की रायल्टी का अधिकार मिलेंगे! अन्य मौलिक संवैधानिक अधिकारों की परिकल्पनाओं को पूरा करने हेतु 2008 में ट्राईबल्स ड्रीम, मजदूर भी हम मालिक भी हम, एक सरकारी आंदोलन की नीव समाजसेवी, लेखक, चिंतक संजय पाहन ने रखी गई थी। जिसका उद्देश्य है….
भाग (01) संवैधानिक मौलिक अधिकारो के तहत….
ट्राईबल्स ड्रीम्स मजदूर भी हम, मालिक भी हम । “एक सहकारी आंदोलन” भारतीय संविधान के भाग 03 के अनुच्छेद 12 में सहकारी समिति (को-ऑपरेटिव सोसाइटी)को मौलिक अधिकार दिया हुआ। सहकारी समिति (को-ऑपरेटिव सोसाइटी) क्या है ? (क) भारत सरकार की कंपनी या निगम जैसे:IOCL,HPCL,BCCL,ECL,BHEL,ONGC,NTPC,SAIL,ONGC,MECON,BSNL,HEC इत्यादि। (ख) प्राइवेट लिमिटेड कंपनी/ बहुराष्ट्रीय कंपनी जैसे: टाटा,बिरला,अडानी, रिलायंस,एयरटेल,जिंदल,इंफोसिस एस्सार,विप्रो इत्यादि। (ग) सहकारी समिति (को-ऑपरेटिव सोसाइटी) जैसे: अमूल, सुधा या ट्राईबल्स ड्रीम (आदिवासियो की कंपनी, गरीब-जनों की कंपनी)
भाग (02): संवैधानिक अधिकार लेकर….
भारतीय संविधान के पांचवी अनुसूची, जिसके तहत जल,जंगल ,जमीन के अधिकार आदिवासियों को दिए गए हैं। तभी सार्थक हो सकते हैं। जब आदिवासी अपना सहयोग समिति( को-ऑपरेटिव सोसाइटी)के मध्यम से वे खदान कार्य,वन उपज का संग्रह व व्यापार, कृषि उत्पादों का उचित मूल्य से क्रय-विक्रय इत्यादि का लाभ ले सकते हैं । माननीय सर्वोच्च न्यायालय का ऐतिहासिक समता जजमेंट 1997 में निर्णय है कि अनुसूचित क्षेत्र में कोई भी मीनिंग कार्य जनजाति सहयोग समितियां ही करेंगे, वह हाथ से कोडे या मशीन से कडने का अधिकार केवल आदिवासियों का है।व झारखंड लघु खनिज समानुदान नियमावली 12(3) में बालू की बंदोबस्ती 51% जनजाति सदस्यों वाले सहयोग समिति को ही देने का प्रावधान है तथा अनुच्छेद 13 में पत्थर खदानों की लीज पट्टा सर्वप्रथम 51% अनुसूचित जनजाति सदस्य वाले सहयोग समिति को ही दिए जाने का प्रावधान है। भारतीय संविधान के 05वी अनुसूची में उल्लेखित है कि अनुसूचित क्षेत्र में खनिज पदार्थ खनन का अधिकार केवल आदिवासियों /आदिवासियों सहयोग समिति को ही प्राप्त है ।पी -पेसा कानून 1996 में भी खनन का नैसर्गिक अधिकार आदिवासी एवं आदिवासियों के ग्राम सभा को प्राप्त है ।
भाग (03): संवैधानिक प्रयास निरंतर किया जा रहा है की…
ट्राईबल्स ड्रीम्स, मजदूर भी हम, मलिक भी हम, एक सहकारी अंदोलन विगत दो दशको से झारखंड,पश्चिम बंगाल,असम,उड़ीसा, छत्तीसगढ,मध्यप्रदेश, तेलंगाना, जैसे अनुसूचित राज्यों के अनुसूचित आदिवासी बहुल जिले में जल जंगल जमीन संबंधित संवैधानिक अधिकारों को पूर्ण रूप से लागू करने हेतु इन क्षेत्र में आदिवासी सहयोग समिति (को- ऑपरेटिव सोसाइटी) के गठन व निर्णय हेतु मार्गदर्शन, दिशा -निर्देश, प्रोत्साहन व प्रचार-प्रसार कर रही हैं। ताकि आदिवासी समाज संगठित होकर स्वावलंबी,आत्मनिर्भर,आर्थिक स्वतंत्रता व जल ,जंगल ,जमीन के नौसर्गिक अधिकार पा सके। ट्राईबल्स ड्रीम्स के मार्गदर्शन में झारखंड के 13 अनुसूचित जिलों में जिला व प्रखंड स्तरीय आदिवासी-मूलवासी सदस्यों वाले सहकारी समिति( को-ऑपरेटिव सोसाइटी) का गठन कर चुकी है ।जिन में 24,200 परिवार निबंधित सदस्य है । उड़ीसा एवं तेलंगाना राज्य में भी आदिवासी सहयोग समिति का गठन हो चुका है एवं बाकी अनुसूचित राज्यों में निबंधन की प्रक्रिया चल रही है ।
भाग 04: संवैधानिक हिस्सेदारी हेतु उलगूलान…
झारखंड में विगत एक दशक से ट्राईबल्स ड्रीम्स, मजदूर भी हम, मालिक भी हम, एक सहकारी आंदोलन, आदिवासियों को पदत उल्लेखित संविधानिक प्रावधानों, अनुच्छेद, कानूनो व क्षेत्रीय नियमावली के आधार पर झारखंड के अनुसूचित जिलों रांची ,लोहरदगा ,गुमला, लातेहार ,सिमडेगा, पश्चिम सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम ,सरायकेला -खरसावां, खूंटी ,जामताड़ा ,दुमका ,साहिबगंज, पाकुड़ व गैर-अनुसूचित जिला धनबाद में बालू घाटों के बंदोबस्त हेतु लगातार जन आंदोलनो, विभिन्न सरकारों से परस्पर वार्ता कर संवैधानिक हिस्सेदारी की मांग कर रही है, साथ ही सरकारी स्तर पर परस्पर निकले गए निविदाओं में शामिल होकर आदिवासी सहकारी समितियां (को-ऑपरेटिव सोसाइटीयो) को कानून संबंद्ध बालू घाटों की आवंटन मिल सके। ताकि बालू उत्खनन- विपणन से प्राप्त रॉयल्टी लाभ इनके 24200 सदस्य गरीब परिवारों व समस्त झारखंड वासियों संवैधानिक नैसर्गिक अधिकारों के तहत हिस्सेदारी मिल सके ताकि झारखंड गठन के परिकल्पना व उद्देश्य पूरा हो सके।
भाग(05) संवैधानिक अधिकारों का हनन ….
परंतु दूरभाग्य है। ट्राईबल्स ड्रीम मजदूर भी हम मालिक भी हम, एक सरकारी आंदोलन के जन आंदोलन, तत्पश्चात वार्ताओं में बाद बालूरघाटो की आवंटन हेतु समिति प्रेस मीडिया में देने के बावजूद झारखंड के तत्कालीन अर्जुन मुंडा ,हेमंत सोरेन व रघुवर सरकारों ने इन संविधानिक अधिकारों को दरकिनार करते हुए बाहर से आए पूंजीपतियो को बालू घाटों के बंदोबस्ती असवैधानिक रूप से कर दिया गया । विचारणीय प्रशन :सोचे विचारे और मंथन करें! क्या ऐसे झारखंड के लिए हमने झारखंड अलग राज्य की लड़ाई लड़ी थी। अपने संवैधानिक हक-अधिकारों लेने हेतु आप भी ट्राईबल्स ड्रीम के सक्रिय सदस्य इस फॉर्म को भरकर बन सकते हैं।
जोहार
संजय पाहन

Tribals Dream is a non-profit organization registered in Ranchi, Jharkhand.The main objective of our organization is to work in the fields of Agriculture, Health, and Education. We give special attention to the tribal women and children health and education.

The tribal communities of Jharkhand are an integral part of the state’s rich cultural and social fabric. Jharkhand, located in eastern India, is known for its diverse tribal population, and it is often referred to as the “Land of Tribals.” These tribal communities have their unique customs, traditions, languages, and a deep connection with the land they inhabit.

ट्राइबल्स ड्रीम श्रमिक सेल्फ सपोटिंग कोऑपरेटिव सोसायटी, लि0 विस्तृत विवरणी...

(1) ट्राईबल ड्रीम रानीगंज जामताड़ा श्रमिक सेल्फ सर्पोटिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड- (जामताड़ा प्रखंड स्तरीय कोऑपरेटिव )निबंधीत परिवारों की संख्या – 130
(2) ट्राइबल ड्रीम सिलीबड़ी मिहिजाम श्रमिक कोऑपरेटिव सो लिमिटेड-(प्रखंड स्तरीय निबंधीत परिवारों की संख्या)-300
(3) ट्राईबल्स ड्रीम कर्मटाड श्रमिक सेल्फ सर्पोटिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी लि,प्रखंड स्तरीय सोसाइटी निबंधीत परिवारों की संख्या-300
(4) ट्राइबल ड्रीम नयाडीह जामताड़ा श्रमिक सेल्फ सर्पोटिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (जामताड़ा प्रखंड स्तरीय कोऑपरेटिव निबंधीत परिवारों की संख्या) -300
(5) ट्राइबल ड्रीम फतेहपुर श्रमिक सेल्फ सर्पोटिंग को ऑपरेटिव सोसाइटी लि. (प्रखंड स्तरीय कोऑपरेटिव निबंधीत परिवारों की संख्या) -300
(6) ट्राइबल ड्रीम कुडाहित श्रमिक सेल्फ सर्पोटिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी लि. (प्रखंड स्तरीय कोऑपरेटिव निबंधीत परिवारों की संख्या)- 300
(7) ट्राइबल ड्रीम नाला श्रमिक सेल्फ सर्पोटिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (प्रखंड स्तरीय कोऑपरेटिव निबंधीत परिवारों की संख्या) -300
(8) ट्राईबल ड्रीम दुमका डिस्ट श्रमिक सेल्फ सर्पोटिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड दुमका (निबंधीत परिवारों की संख्या) 1300
(9) ट्राईबल ड्रीम शिकारीपड़ा श्रमिक सेल्फ सर्पोटिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (प्रखंड स्तरीय कोऑपरेटिव) निबंधीत परिवारों की संख्या 1300
(10) ट्राईबल ड्रीम काठिकुण्ड श्रमिक सेल्फ सर्पोटिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (प्रखंड स्तरीय कोऑपरेटिव) निबंधीत परिवारों की संख्या 1300
(11) ट्राईबल ड्रीम जामा श्रमिक सेल्फ सर्पोटिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (प्रखंड स्तरीय कोऑपरेटिव) निबंधीत परिवारों की संख्या 1300
(12) ट्राईबल ड्रीम मसलिया श्रमिक सेल्फ सर्पोटिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (प्रखंड स्तरीय सोसाइटी) निबंधीत परिवारों की संख्या 1300
(13) ट्राईबल ड्रीम हजारीबाग डिस्ट श्रमिक सेल्फ सर्पोटिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड हजारीबाग (निबंधीत परिवारों की संख्या) 1200
(14) ट्राईबल ड्रीम चाईबासा डिस्ट श्रमिक सेल्फ सपोर्टिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड चाईबासा (निबंधीत परिवारों की संख्या) 1200
(15) ट्राईबल ड्रीम मानिका लातेहार श्रमिक सेल्फ सपोर्टिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड लातेहार (निबंधीत परिवारों की संख्या) 1200
(16) ट्राईबल ड्रीम निरसा धनबाद श्रमिक सेल्फ सर्पोटिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (प्रखंड स्तरीय कोऑपरेटिव) निबंधीत परिवारों की संख्या 1200
(17) ट्राईबल ड्रीम पूर्वी टुंडी धनबाद श्रमिक सेल्फ सपोर्टिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (प्रखंड स्तरीय कोऑपरेटिव) निबंधीत परिवारों की संख्या 1200
(18) ट्राईबल ड्रीम बलियापुर धनबाद श्रमिक सेल्फ सर्पोटिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (प्रखंड स्तरीय कोऑपरेटिव) निबंधीत परिवारों की संख्या 1200
(19) ट्राईबल ड्रीम लोहरदगा श्रमिक सेल्फ सर्पोटिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड लोहरदगा (निबंधीत परिवारों की संख्या) 2000
(20) ट्राईबल ड्रीम गारो लातेहार श्रमिक सेल्फ सर्पोटिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (प्रखंड स्तरीय कोऑपरेटिव) निबंधीत परिवारों की संख्या 1300
(21) ट्राईबल ड्रीम चंद्रपुरा बोकारो श्रमिक सेल्फ सर्पोटिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (प्रखंड स्तरीय कोऑपरेटिव) निबंधीत परिवारों की संख्या 1800
(22) ट्राईबल ड्रीम सिमडेगा जिला श्रमिक सेल्फ सपोर्टिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड सिमडेगा (निबंधीत परिवारों की संख्या- 1200
(23) ट्राईबल ड्रीम रांची डिस्ट श्रमिक सेल्फ सपोर्टिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड रांची (निबंधीत परिवारों की संख्या) -2500
(24) ट्राईबल ड्रीम साहिबगंज डिस्ट श्रमिक सेल्फ सर्पोटिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड साहिबगंज (निबंधीत परिवारों की संख्या) -1200
(25) ट्राईबल ड्रीम गोड्डा डिस्ट श्रमिक सेल्फ सर्पोटिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड गोड्डा (निबंधीत परिवारों की संख्या)-1200
(26) ट्राईबल ड्रीम देवघर डिस्ट श्रमिक सेल्फ सपोर्टिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड देवघर (निबंधीत परिवारों की संख्या)-1200
(27) ट्राईबल ड्रीम पाकुड़ डिस्ट श्रमिक सेल्फ सपोर्टिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड पाकुड़ (निबंधीत परिवारों की संख्या) -1200
—————————————-
कुल — 30400 परिवार निबंधित है ।

ट्राईबल्स टीम ! “मजदूर भी हम, मालिक भी हम” एक सरकारी आंदोलन….. के गठन के उपरांत विगत 15 वर्षों के कुछ उत्कृष्ट कार्यों की विवरण।
ट्राईबल्स ड्रीम द्वारा सदस्यों को स्वावलंबी एवं रोजगार मुहैया कराने हेतु निम्नलिखित विभिन्न योजनाओं पर कार्य किए गए हैं ।
(01) ट्राईबल्स ड्रीम समितियों द्वारा सदस्यों का स्वावलंबी रोजगार एवं आर्थिक लाभ प्रदान करने हेतु कई तरह की बचत योजनाएँ(CPF लघु बचत) कल्याण कोष, कृषि /व्यापार ऋण योजना, लघु बीमा योजना, सवाधि जमा की सुविधाएँ दी जा रही है एवं इसका सफल संचालन किया जा रहा है ।
(02) ट्राईबल्स ड्रीम्स द्वारा सर्वप्रथम जामताड़ा ,दुमका एवं साहेबगंज जिलों के बालू घाटों के बंदोबस्ती हेतु निविदा डाली गई थी । बड़े-बड़े व्यापारियों एवं पूँजिपतियों के साथ बोली नहीं लगाने ,एवं सहयोग समितियों को सीधे बंदोबस्ती करने के संबंध में जिले के उपायुक्तों से बंदोबस्ती हेतु मांग की गई ।सरकार से लड़ाईयाँ लड़ी एवं जिसके परिणाम स्वरुप बालू घाटों का बंदोबस्ती ग्राम सभा को दिया गया ।
(03) उद्योग संबंधी कार्य – प्रत्येक ट्राईबल्स ड्रीम सहयोग समितियों द्वारा प्रखंड स्तर पर धान मिल ,सूअर पालन ,1000MT का गोदाम एवं कार्य पूँजी योजना ,स्टील फर्नीचर यूनिट, पत्थर क्रशर ,कंक्रीट या होलो इटटा,PVC पाइप, टाइल्स एवं टाइल्स दाना,शाल पत्ता से दोना, कटोरी बनाने इत्यादि योजनाओं का प्रतिवेदन राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम को भेजा गया है ,ताकि समितियां के सदस्यों को आर्थिक स्वावलंबी एवं रोजगार मिल सके ताकि पलायन रूक सके ।
(04) समिति के सदस्यों द्वारा बनायी गई बाँस के घरेलू उपयोग के सामानों को एकत्रित कर समिति बड़े बाजार में ले जाकर अच्छे दामों में बेचती है एवं सदस्यों को बाजार प्रदान कर आर्थिक लाभ पहुँचाती है ।

(05) पत्थर के लीज हेतु जामताड़ा, दुमका के 10 सहयोग समिति द्वारा खनन विभाग में आवेदन समर्पित किया गया ।

(06) जामताड़ा एवं दुमका जिलों में समिति के सदस्यों को स्वावलंबी एवं रोजगार प्रदान करने हेतु जिले के विभिन्न विकास कार्य करने वाले 26 विभागों के कार्य आवंटन हेतु मांग की गई है ।
ट्राईबल्स टीम ! “मजदूर भी हम, मालिक भी हम” एक सरकारी आंदोलन….. एक सरकारी आंदोलन उपविधियाँ (BYELAWS) एक परिचय…..
ट्राईबल्स ड्रीम अधिकृत BYE-LAWS बनने के पूर्व, सहयोग समिति को 1935(धारा) के अनुसार केवल एक कार्य करने हेतु निबंधन या लाईसेन्स दिया था।
परन्तु ट्राईबल्स ड्रीम के BYE-LAWS 1996 (97) स्वावलंबी अधिनियम के तहत सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता एवं विशेषज्ञों की गठित दल दारा बनाई गई है ।इसमें उन सभी कार्यों का समावेश किया गया है, जो भारत सरकार की कम्पनियाँ या अमीरों/व्यापारियों, पूँजीपतियों,औद्योगिक घरानों व प्राईवेट (PVT) लिमिटेड कम्पनियाँ कार्य किया करती है । जैसे – माईनर, माईनिंग,मेजर माइनिंग,सभी तरह के फैक्ट्री लगाना, कृषि संबंधी सभी कार्य, ठेकेदारी, टांस्पोटिंग,बाजार,हाट लेना, बस स्टैण्ड, रेलवे स्टैण्ड का डाक लेना,वन उपज जैसे- महुआ,चिरौन्जी,लौह,बाँस,तेन्दू पत्ता,इमली,बैर,जंगली जड़ी-बूटियाँ सभी उत्पादनों का संग्रह एवं व्यापार कर सकते है । इसके अलावे स्कूल, कॉलेज, मेडिकल कॉलेज,हॉस्पिटल,इंजीनियरिंग कॉलेज खोलना, समिति के सदस्यों का भविष्य निधि खाता,कल्याण कोष , बीमा बैंकिंग इत्यादि कार्य करना इसके अलावा विस्तृत जानकारी के लिए ट्राईबल्स ड्रीम की BYE-LAWS में निहित है। जो www.tribalsdream.com में उपलब्ध है ।
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